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'JDU में नेतृत्व बदलने का सही समय अभी, नहीं किया तो...', क्या उपेंद्र कुशवाहा की सलाह मानेंगे नीतीश कुमार?

उपेंद्र कुशवाहा

राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने

बिहार की राजनीति खासकर जनता दल यूनाइटेड में एक बार फिर बदलाव की आहट सुनाई देने लगी है. इस बार सवाल उठ रहा है खुद नीतीश कुमार के नेतृत्व पर. यह सवाल उनके खुद के पार्टी के नेता ने नहीं ​बल्कि कभी उनके करीबी रहे उपेंद्र कुशवाहा ने उठाया है.  उन्होंने जेडीयू की कमान संभालने वाले नीतीश को अब सलाह दी है कि वो राजनीति से 'सम्मानजनक विदाई' ले लें. साथ ही पार्टी की बागडोर किसी और को सौंप दें. 

खास बात यह है कि नीतीश अपने पुराने सहयोगी और अब आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की निजी सलाह मानेंग या फिर सियासी शतरंज में फिर कोई चाल चलेंगे? ऐसा इसलिए कि उनके इस सलाह से जेडीयू प्रोटोटाइप स्क्वाड्रन तैयार हो सकता है. 

निशांत को संगठन में लेने में दिक्क्त क्या है?

उपेंद्र कुशवाहा का बयान सामने आने के बाद जेडीयू में नेतृत्व परिवर्तन का मसला गरमाने लगा है. नालंदा से पार्टी के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने आरएलएम प्रमुख की बातों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार का सीएम बनना तय है. ऐसे में अगर संगठन को नया नेतृत्व मिल जाए तो अच्छा रहेगा. उन्होंने कहा कि संगठन को मजबूत करने की जरूरत है. संगठन को बचाना भी अहम है. सीएम के पुत्र निशांत इंजीनियर हैं. अच्छे कॉलेज से पढ़े हैं. उन्हें संगठन में लेने में क्या दिक्क्त है? जनता को उन पर विश्वास भी है. 

नीतीश-उपेंद्र के संबंध बड़े-छोटे भाई वाले - रंजन सिंह 

एलजेपीआर बिहार के प्रवक्ता रंजन सिंह का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार और आरएलएम नेता उपेंद्र कुशवाला में सियासी तौर पर बड़े और छोटे भाई जैसा संबंध है. निशांत का कल जन्म दिन था. ऐसे में हो सकता है कि उपेंद्र कुशवाहा ने निजी रिश्तों का हवाला देते हुए ये सलाह दी है. 

इन सबके बीच सियासी बिहार के जानकारों का कहना है कि पार्टी लगातार कमजोर हो रही है. जेडीयू को नए रंग में ढालने के लिए नया नेतृत्व मिलना जरूरी है. अब नीतीश की उम्र और राजनीतिक थकान, दोनों ही जेडीयू को नुकसान पहुंचा रहे हैं. 

नीतीश ने अभी तक नहीं दिया कोई जवाब 

दूसर तरफ कुछ नेता ये भी बता रहे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार से सहानुभूति जताकर कुछ सियासी लाभ हासिल करना चाह रहे हों. उपेंद्र कुशवाहा की सलाह का अभी तक नीतीश ने कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया है, लेकिन पार्टी के अंदरखाने में हलचल जरूर बढ़ गई है.

क्या जेडीयू में नेतृत्व संकट है?

दरअसल, जेडीयू में पिछले कुछ वर्षों से नेतृत्व को लेकर सवाल उठते रहे हैं. पार्टी की जमीन खिसक रही है, कार्यकर्ताओं में असंतोष है और युवा चेहरों की कमी महसूस हो रही है. उपेंद्र कुशवाहा की यह सलाह केवल निजी राय नहीं बल्कि जेडीयू के मौजूदा हालात की एक कड़ी समीक्षा है. अगर समय रहते पार्टी नेतृत्व में बदलाव नहीं होता, तो इसका खामियाजा 2025 के विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है.

निशांत के जन्म दिन पर उपेंद्र की नीतीश को नेक सहाल 

राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के जन्मदिन के मौके पर ऐसा सुझाव दिया जो संभवत: उनसे कोई नहीं कह सकता. उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में कहा, जेडीयू की नई उम्मीद निशांत को जन्म दिन की ढेर सारी शुभकामनाएं. ईश्वर उसे हमेशा स्वस्थ एवं प्रसन्नचित्त रखें.

नीतीश कुमार से विनम्र आग्रह है कि समय और परिस्थिति की नजाकत को समझते हुए अब सरकार और पार्टी दोनों का संचालन स्वयं उनके लिए भी उचित नहीं है. सरकार चलाने का उनका लंबा अनुभव है जिसका लाभ राज्य को आगे भी मिलता रहे, यह फिलहाल राज्य हित में अतिआवश्यक है. परंतु पार्टी की जवाबदेही के ट्रांसफर के मसले पर समय रहते ठोस फैसला ले लें. यही उनके दल के हित में है. और इसमें और विलंब जेडीयू के नुकसान का कारण बन सकता है. शायद ऐसा नुकसान जिसकी भरपाई कभी हो भी नहीं पाए. 

Bindass Bol Dil Se

Written by: Dhirendra Mishra

22 Jul 2025 (Published: 00:25 IST)